भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
मानो मृत्यु उन्हीं को लेने आई
घोर निशा में !
—
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल'''
</poem>