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|रचनाकार=रसूल हम्ज़ातव
|अनुवादक=मदनलाल मधु
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<poem>
बच्चा यहाँ अरे, रोता है, हँसता है
मुँह से लेकिन शब्द नहीं कह सकता है ।
आएगा, वह दिन भी आख़िर आएगा,
कौन, किसलिए जग में आया, सब को यह बतलाएगा ।

'''रूसी भाषा से अनुवाद : मदनलाल मधु'''
</poem>
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