Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भव्य भसीन |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=भव्य भसीन
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
अति प्रिय सुंदर श्याम मनोहर,
मम रसना तेरो नाम पुकारे।
रसिक अधर रस ये बरसावन,
श्रवण सुरस नैना कजरारे।
वदन सुलज्जित रूप लुभावन,
कमल कपोलन कुंतल सावन।
अलक कपोल योग सुहावन,
उर बैजन्ती स्वछंद विहारे।
अति प्रिय सुंदर...
तुम गुण आगर ललित किशोर,
प्राणपति मेरे हे चित्तचोर।
मैं हूँ दासी सदा तुम्हारी,
तुम हो मेरे एक सहारे।
अति प्रिय सुंदर
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
17,260
edits