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क्या करें और कहाँ जाएँ बताए कोई / विनोद तिवारी
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13:14, 6 जनवरी 2010
कैसे तूफ़ाँ से न घबराएँ बताए कोई
भ्र्ष्ट
भ्रष्ट
लोगों ने परस्पर प्रशस्तियाँ गाईं
क्यों न मिलती रहें सुविधाएँ बताए कोई
सिर्फ़ आज़ादी हो,
रोटा
रोटी
हो न कपड़ा न मकान
लोग फिर गाएँ या चिल्लाएँ बताए कोई
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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