नज़रें मिलती हैं जाम मिलते हैं
मिल रही है हयात <ref>ज़िन्दगी, जीवन</ref> फूलों की ।
कौन देता है जान फूलों पर
वो शराफ़त तो दिल के साथ गई
लुट गई कायनात <ref>दुनिया</ref> फूलों की ।
अब किसे है दमाग़े तोहमते इश्क़
जैसे सहरा में रात फूलों की ।
</poem>
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