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रचनाकार=राम प्रकाश 'बेखुद'
संग्रह=
}}
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किसको खराब शहर में अच्छा किसे कहें
कातिल है कौन और मसीहा किसे कहें
भाई ने भाई ,बाप की बेटे ने जान ली
तो फिर बताओ खून का रिश्ता किसे कहें
रोटी की फिक्र, रोज़ी का गम, हादसों का डॉ
जीना अगर यही है तो मरना किसे कहें
बेरोजगार हैं जो ज़माने में वो गरीब
किसको जवानी और बुढापा किसे कहें
इक दूसरे के खून का प्यासा है आदमी
इंसा इसे कहें तो दरिंदा किसे कहें
ये जानते हुए भी की कातिल है वो मगर
कातिल उसे कहें तो मसीहा किसे कहें
'बेखुद' ये जानते हैं की सच्चा कोई नहीं
लेकिन सवाल ये है कि झूटा किसे कहें</poem>
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रचनाकार=राम प्रकाश 'बेखुद'
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किसको खराब शहर में अच्छा किसे कहें
कातिल है कौन और मसीहा किसे कहें
भाई ने भाई ,बाप की बेटे ने जान ली
तो फिर बताओ खून का रिश्ता किसे कहें
रोटी की फिक्र, रोज़ी का गम, हादसों का डॉ
जीना अगर यही है तो मरना किसे कहें
बेरोजगार हैं जो ज़माने में वो गरीब
किसको जवानी और बुढापा किसे कहें
इक दूसरे के खून का प्यासा है आदमी
इंसा इसे कहें तो दरिंदा किसे कहें
ये जानते हुए भी की कातिल है वो मगर
कातिल उसे कहें तो मसीहा किसे कहें
'बेखुद' ये जानते हैं की सच्चा कोई नहीं
लेकिन सवाल ये है कि झूटा किसे कहें</poem>