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शब्दों में दिख रही दरार / रामकुमार कृषक

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शब्दों में दिख रही दरार
वाक्यों की फिर बिसात क्या
अक्षरी से आँख मून्दकर
अक्षर को दोष किसलिए ?

अँगुली के पोरों के
कौशल में क़ैद
लाइन में लगे-लगे होते नापैद,

चिमटी से कतिया तक
जिनका संघर्ष
उन पर यों रोष किसलिए ?

यंत्रों के साँचे में
रूपायित फ़ेस
जूझ रहे भरने को सीमित इस्पेस,

इस्टिक पर चढ़ना ही
जिनका उत्कर्ष
उन पर आक्रोश किसलिए ?

11 सितम्बर 1972