साँवरी सुरतिया तोरी बावरा बनाए !
सामने न आए श्याम चित्त से न जाए
साँवरी सुरतिया तोरी बावरा बनाए ।।
खीझे न खिझाए श्याम
रीझे न रिझाए
ऐसे निरमोहिया से
पार न बसाए !
साँवरी सुरतिया तोरी बावरा बनाए ।।
नैनों में बसा है श्याम
दूसरा न भाए
नींद भी न आए मोहे
चैन भी न आए !
साँवरी सुरतिया तोरी बावरा बनाए ।।
काहे को सताए श्याम
काहे को रुलाए
मोह-मुदित अंगना को
अंग ना लगाए !
साँवरी सुरतिया तोरी बावरा बनाए ।।