''''हाई टी' और 'डिनर' के बाद''' {{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=शाहिद अख़्तर|संग्रह= }} {{KKCatKavita}}<poem>
कभी देखा है तुमने
देश की तकदीर लिखने वालों ने
क्या क्या ना बनाया है हमारे लिए
आग उगलती, जान निगलती
हजारों हज़ारों मील दूर मार करने वाली मिसाइलें हैं
हम एटमी ताकत हैं अब
किसकी मजाल जो हमें डराए धमकाए
अंतरिक्ष पर जगमगा रहे हैं
हमारे दर्जनों उपग्रह
चांद पर कदम क़दम रखने की हम कर रहे हैं तैयारियां तैयारियाँ
और दुनिया मान रही है हमारा लोहा
हम उभरती ताकत है
अमेरिका भी कह रहा है यह बात
हांहाँ, यह बात दीगर है
कि भूख और प्यास के मामले में
हम थोड़ा पीछे चल रहे हैं
लेकिन परेशान ना हों
'हाई टी' और 'डिनर' के बाद
नीति-निर्माताओं की
इसपर इस पर भी पड़ेगी निगाह</poem>