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अंदर का शोर अच्छा है थोड़ा दबा रहे / सलमान अख़्तर
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अंदर का शोर अच्छा है थोड़ा दबा रहे
बेहतर यही है आदमी कुछ बोलता रहे
मिलता रहे हंसी ख़ुशी औरों से किस तरह
वो आदमी जो खुद से भी रूठा हुआ रहे
बिछुडो किसी से उम्र भर ऐसे कि उम्र भर
तुम उसको ढूंढो और वो तुम्हें ढूंढता रहे