Last modified on 18 मई 2018, at 15:52

अइसे न कोनो कहियो बिसारे / हम्मर लेहू तोहर देह / भावना

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:52, 18 मई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भावना |अनुवादक= |संग्रह=हम्मर लेह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अइसे न कोनो कहियो बिसारे।
जे कसम खाये, ओकरा निभाए॥

की मालूम हूक करेजा के ओकरा।
जे प्रेम के एगो आखर न जाने॥

टक-टक निहारइत बिनहिए से रस्ता।
करइत बीतल दिन, अगना-दुआरे॥

नीन आंख से हम्मर उड़ गेल कहिया।
करेजा धड़क के हुनका पुकारे॥

सबरी के जइसन जोगबइत बईर।
अचरा से अप्पन ऊ रस्ता बहारे॥