Last modified on 16 सितम्बर 2015, at 18:08

अगडू़-झगडू़ / होरीलाल शर्मा 'नीरव'

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:08, 16 सितम्बर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=होरीलाल शर्मा 'नीरव' |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आजू-राजू दोनों
दो-दो गुब्बारे ले आए

माँ को पास बिठाकर
अगडू़-झगडू़ दो बनवाए।

पेट बड़ा-सा, छोटा-सा सिर
बिल्कुल ढीलम-ढालू,

जैसे लाल टमाटर पर हो
रक्खा छोटा आलू।

निकली तब तक हवा पिचककर
गिरे भूमि पर झगडू़,

रहे देखते बड़ी देर तक
आँखें फाड़े अगडू़।