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अनिल बिस्वास के लिए / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

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हरेक हर्फ़े-तमन्ना<ref>मदिरा के लिए इच्छुक</ref> इस इज़्तिरार<ref>आतुरता</ref> में है
केः फिर नसीब हो दरबारे-यारे-बंदः नवाज़
हर इक ग़ज़ल का सफ़ीना इस इंतज़ार में है
केः आए मिस्ले-सबा<ref>हवा की तरह</ref> फिर अनील<ref>अनिल बिस्वासप्रसिद्ध संगीतकार एवं संगीत-निर्देशक, हिन्दी में अनिल का अर्थ भी ’हवा’ होता है</ref> की याद

शब्दार्थ
<references/>