राम नगर में बनो बनावो, धरनीश्वर को द्वारा।
लैहैं जानि मानि महिमडल, साधु सन्त संचारा॥1॥
चारि सम्प्रदा चारि संगती, चारि खूँट यश पैहैं।
बाल गेपाल दास धरनी के, धरनीश्वरी कहै हैँ॥2॥
राम नगर में बनो बनावो, धरनीश्वर को द्वारा।
लैहैं जानि मानि महिमडल, साधु सन्त संचारा॥1॥
चारि सम्प्रदा चारि संगती, चारि खूँट यश पैहैं।
बाल गेपाल दास धरनी के, धरनीश्वरी कहै हैँ॥2॥