Last modified on 1 जुलाई 2014, at 18:11

असाढ़हि मास घटा घनघोर / मैथिली लोकगीत

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:11, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=ऋतू ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

असाढ़हि मास घटा घनघोर
मोहि तेजि पिया गेल देसक ओर, मोहन नञि मिलिहैं
हो भगवान, कोने कसूर विधना भेल बाम, मोहन नञि मिलिहैं
साओन बेली फुलय भकरार
देखि नयन सँ बहय जलधार, मोहन नञि मिलिहैं
भादव के निशि राति अन्हार
घुमिल अयलहुँ सौंसे संसार, मोहन नञि मिलिहैं
आसिन आस लगाओल अपार
आसो ने पूरल हमार, बितल चौमास, मोहन नञि मिलिहैं
हो भगवान, कोने कसूर विधना भेल बाम, मोहन नञि मिलिहैं