Last modified on 30 मई 2016, at 22:09

आगमन / ऋतु रूप / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:09, 30 मई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्द्रप्रकाश जगप्रिय |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सिंहोॅ से ज्यादा भयावह
बैशाख-जेठोॅ के ई सुरुज
हठाते खरगोश रं
बिलाय-बच्चा बनलोॅ छै
नेऋत्व दिशा सेॅ
हुहुवैऐॅ आवी रहलोॅ हवा
चौवाय बनी केॅ
सबकेॅ झुलसैतेॅ
मुरझाय केना गेलै
जेना बिज्जी के आगू
नागोॅ के फोॅन।
धरती-सरंग के
जागै छै, मोॅन
जानी केॅ ऐलै अखार
पावी केॅ पावस केॅ धोॅन।