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आप बेशक दोस्ती को सबसे ऊपर देखिये / डी. एम. मिश्र

आप बेशक दोस्ती को सबसे ऊपर देखिये
दुश्मनों का भी जरा-सा दिल बदलकर देखिये

आप इन्सां हैं तो फिर इस बात का रक्खें ख़याल
जीव जितने हैं यहाँ उन सबमें ईश्वर देखिये

सोचिये मंदिर औ मस्जिद घर से कितनी दूर हैं
जब ख़ुदा को देखना हो अपने भीतर देखिये

सिर्फ़ चेहरे पे न जाओ झूठ हो सकता है वो
प्यार सुंदरता से हो तो दिल भी सुंदर देखिये

ख्वाहिशें हो जाँय सब पूरी ज़रूरी है कहाँ
प्यास जब बढ़ जाय कतरे में समंदर देखिये