Last modified on 13 अक्टूबर 2016, at 04:35

ओ लला नन्द के तू खबर ले हमारी भला / बिन्दु जी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:35, 13 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बिन्दु जी |अनुवादक= |संग्रह=मोहन म...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ओ लला नन्द के तू खबर ले हमारी भला।
ओ मुरारी तिहारी है न्यारी कला॥ ओ लला...
दोनों का स्वामी है अन्तर्यामी है।
आ जा आ जा ओ गुकुल बसइया मेरे॥
आ जा बाँकेबिहारी कन्हैया मेरे।
फिर तो एक बार नज़र मेहर की चला॥ ओ लला...
मदनमोहन मुझे आरत दुखी फरियाद करते हैं।
तेरे ही पै अपने दुःख ही सो फरियाद करते हैं॥
सगा कोई नहीं अपना न कोई अपना प्यारा है।
तेरे भक्तों को तेरे नाम का केवल सहारा है।
दोनों के दृग ‘बिन्दु’ का तुझ पर ही फैसला॥ ओ लला...