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कभी तो हमें भी प्यार मिले / धीरेन्द्र सिंह काफ़िर

कभी तो हमें भी प्यार मिले
उधार सही उधार मिले
कहीं पर लुटा कहीं पर मिटा
कि प्यार नहीं गुबार मिले
ख़ुदा मैं जो जीतने को चलूँ
तो जीत के बदले हार मिले
हवास रहे न होश मुझे
कहीं से मिले क़रार मिले
चलो न मिले सौ बार मुझे
ये तो हो की एक बार मिले