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[[Category:पद]]
<poeM>करि की चुराई चाल, सिंह को चुरायो कटि,लंकससि दूध को चुरायो मुखरंग, नासा चोरी कीर की।कीपिक को चुरायो बैन, मृग को चुरायो नैन,दसन अनार हांसी बीजरी गंभीर की॥, हाँसी बीजुरी गँभीर कीकहे कवे ‘बेनी’ बेनी व्याल की चुराय लीनीरति रति सोभा सब रति के सरीर कीअब तो कन्हैया जी को चित हू चुराय लीनोचोरटी है गोरटी या छोरटी अहीर की
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