कविता बस दृष्टि है मेरे लिए
जहाँ से देखता हूँ मैं
बस एक शीशे के पार ही तो होता है
दुनिया का सारा ऐश्वर्य
जहाँ ठहर जाता हूँ मैं!
कविता बस दृष्टि है मेरे लिए
जहाँ से देखता हूँ मैं
बस एक शीशे के पार ही तो होता है
दुनिया का सारा ऐश्वर्य
जहाँ ठहर जाता हूँ मैं!