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कांग्रेस नैया के खिवैत करी भारत मांहि / नाथ कवि

कांग्रेस नैया के खिवैत करी भारत मांहि।
शान्ति और अहिंसा कासी स्वयं स्व ले गये॥

अबके तो नेता पर द्रोण व अनुशासनहीन।
स्वारथ के कारण देख ........द्वै है गये॥

जनता में चारो ओर देत ..........फिरै।
मिटेगी गरीबी कहौ कैसे दृकह गये॥

साम्यबाद पूँजीबाद दोनों ना रहेंगे ‘नाथ’
हमकौं तो गाँधी जी मध्य मार्ग दै गये॥