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के दुनियां मैं आई सो सब नरक कै बीच सड़ी सो / हरिचन्द

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के दुनियां मैं आई सो सब नरक कै बीच सड़ी सो
हे ना कदर म्हारी सै कुए बीच पड़ी सो
 
जन्म होण तै पहलां गळ पै करदें सैं खड़ी कटारी
गरभ बीच म्हं मरवा दें सैं चालै सैं तेग दुधारी
बहुत घणी सी मारी जा री किस गफलत बीच बड़ी सो
 
जन्म हुवै जब म्हारे नाम का सोग मनावैं सारे
छोरी होगी छोरी होगी कहकै मन मुरझारे
लाड़ चाव तो कित थे म्हारे भूख की गैल लड़ी सो
 
जवान होण पै भारी पड़ज्यां पराया धन यें कह रे
नहीं पढावैं ना लक्खण लावैं पाप म्हारे सिर बह रे
दहेज पै दुल्हन कहकै देरे इस खाने बीच अड़ी सो
 
सारी जिन्दगी बहु बणीरां ना कोए पूछ हो म्हारी
गाळ गळोच और मारपीट म्हं उमर गंवाद्यां सारी
हरीचन्द या दुखिया नारी क्यों धरती बीच गड़ी सो