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कौन देश माँ? / रमेश तैलंग

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चमे चंदा जहाँ तारे हजार,
पवनिया बजाती जहाँ पर सितार,
कौन देश माँ! बादलों के पार?

बिखरता कौन सुबह होते ही रंग?
बूँदों की सुनता है कौन जल-तरंग?
रोज-रोज किरनों की पालकी उठा
ढलते ही शाम कहाँ जाते कहार,

दूध धुली चाँदनी के ये झरने,
आते किस नगरी से रेशम पहने?
क्यों कोई जादू की फेरकर छड़ी
दिखलाता है सारे रंग बार-बार?