गजब कियो है मजदूर सरकार ‘नाथ’।
कीनी साफ घोषणा स्वतंत्रता बहाल है॥
सन् सेंतालीस के अगस्त तजें भारत कों।
बात यह साँची या कि चलते ये चाल हैं॥
चर्चिल पुकार कर पूछत है बार बार।
मिस्टर बाबेल कों क्यों दीनो निकाल है॥
जिन्ना और चर्चिल दोऊ हारे राजनीति मांहि।
मोहन आजाद भये भारत के लाल हैं॥