गुज़रने ही न दी वो रात मैंने
घड़ी पर रख दिया था हाथ मैंने
फ़लक की रोक दी थी मैंने गर्दिश
बदल डाले थे सब हालात मैंने
फ़लक कशकोल लेके आ गया था
सितारे कर दिए खैरात मैंने
गुज़रने ही न दी वो रात मैंने
घड़ी पर रख दिया था हाथ मैंने
फ़लक की रोक दी थी मैंने गर्दिश
बदल डाले थे सब हालात मैंने
फ़लक कशकोल लेके आ गया था
सितारे कर दिए खैरात मैंने