Last modified on 28 मार्च 2011, at 11:15

गोया / प्रेमशंकर रघुवंशी

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:15, 28 मार्च 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेमशंकर रघुवंशी }} {{KKCatKavita‎}} <poem> शब्द-शब्द कण्ठ क…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

शब्द-शब्द
कण्ठ की धुरी पर
थिरक रहा होता

गोया जब तुम्हें
एकांत में
याद कर रहा होता