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ज़िन्दगी ख़्वाबख़्वाबे-ए-परेशां परीशाँ है कोई क्या जाने मौत की लरज़िश-एलरज़िशे-मिज़्शगाँ मिज़्गाँ है कोई क्या जाने
रामिश-ओ-रंग<ref>संगीत और रंग</ref> के ऐवान में लैला-ए-हयात
सिर्फ़ एक रात की मेहमाँ है कोई क्या जाने
गुलशन-एगुलशने-ज़ीस्त के हर फूल की रंगीनी में दजला-ए-ख़ूनख़ूने-ए-रग-एरगे-जाँ है कोई क्या जाने
रंग-ओ-आहंग से बजती हुई यादों की बरात
रहरव-एरहरवे-जादा-ए-निसियाँ<ref>भूले हुए रास्तों का राही</ref> है कोई क्या जाने
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