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जीवन का इतना अफ़साना / उत्कर्ष अग्निहोत्री

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जीवन का इतना अफ़साना।
कुछ रिश्तों का ताना बाना।

रोज़ मिला करता है हँसकर,
ग़म से है अपना याराना।

दुनिया में आने का मतलब,
कुछ लाना है कुछ ले जाना।

आँसू टपक पड़े आँखों से,
इतना ज़्यादा मत मुस्काना।

जीवन का अन्तिम पड़ाव है,
ख़ुद को खोना तुझको पाना।