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डुप्लीकेट / रंजना जायसवाल

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बाजार में
भरी पड़ी हैं
डुप्लीकेट चीजें
जेवर
कपड़े
जूते से लेकर
आम जरूरत की
हर चीज
अमीर नाराज कि
छोटे-बड़े का अंतर मिटा रही हैं
ये चीजें ...
सड़कछाप भी उनके जैसे दीखते
कपड़े-जूतों में शान से निकलने लगे हैं
हजार के असली के बदले
सौ का नकली खरीद अकड़ने लगे हैं