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तोरे पाव परत महामाई हो मोरी अरज सुनो / बुन्देली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

तोरे पांव परत महामाई हो, मोरी अरज सुनो
माया के तेरे भरे हैं खजाने,
धन दौलत मैया कछु न चाने
बिनती सुनो हमारी हो मोरी अरज सुनो...
दुष्ट दलन जगदम्बा भवानी,
तो सम नहिं मैया कोऊ दानी
करो कृपा हर्षायी हो। मोरी...
नाहिं चाहो मैया महल अटारी
इतनी है बस बिनय हमारी
रहो चरन चितलाई, हो
मोरी अरज सुनो...
सेवक की रक्षा करो माता
बिनय सुनो तुम मेरी माता
जीवन ज्योति जलाई हो। मोरी अरज...