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दर्द बढ कर फुगाँ ना हो जाये / जिगर मुरादाबादी

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दर्द बढ कर फुगाँ ना हो जाये

ये ज़मीं आसमाँ ना हो जाये

(फुगाँ : lamentation; ज़मीं : earth; आसमाँ : sky)


दिल में डूबा हुआ जो नश्तर है

मेरे दिल की ज़ुबाँ ना हो जाये

(नश्तर : dagger; ज़ुबाँ : voice)


दिल को ले लीजिए जो लेना हो

फिर ये सौदा गराँ ना हो जाये

(सौदा : bargain; गराँ : costly)


आह कीजिए मगर लतीफ़-तरीन

लब तक आकर धुआँ ना हो जाये

(आह : sigh; लतीफ़-तरीन : pleasant; धुआँ : smoke)