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दिल से जातीं नहीं यादें उसकी / रंजना वर्मा

दिल से जातीं नहीं यादें उसकी
चश्मे नम में हैं निगाहें उसकी

दर्द में साथ न देता कोई
हर खुशी साथ हैं बाँहें उसकी

शब तो है इंतज़ार में गुज़री
कब तलक आस लगायें उसकी

चाहते तो हैं भुलाना उसको
कान में गूँजती बातें उसकी

कौन आयेगा तसल्ली देने
रात दिन यादें रुलायें उसकी

वो दुखाता ही रहा दिल लेकिन
माफ़ कर दी हैं खताएँ उसकी

इक नज़र देख ले इधर भी वो
सिर पे ले लेंगें बलाएँ उसकी