Last modified on 1 अप्रैल 2015, at 17:28

दोई नेंनन की तरवारें / ईसुरी

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:28, 1 अप्रैल 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बुन्देली |रचनाकार=ईसुरी |संग्रह= }} {{KKC...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दोई नेंनन की तरवारें,
प्यारी फिरें उवारें।
अलेमान, गुजराम सिरोही।
सुलेमान झकमारे।
ऐंचत बाढ़ म्याँन घूँघट की,
दैकाजर की धारैं।
ईसुर स्याम बरकते रइयो,
अंधयारै उजयारै।