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नागर नंदजी ना लाल /गुजराती लोक गरबा

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

नागर नंदजी ना लाल नागर नंदजी ना लाल

रास रमंता म्हारी नथनी खोवाई


कान्हा जड़ी होए तो आल, कान्हा जड़ी होए तो आल

रस रमंता म्हारी नथनी खोवाई ...


वृन्दावन नी कुञ्ज गलीं मां बोले झिना मोर

राधाजी नी नथनी नो शामलियो छे चोर ....


नागर नंदजी ना लाल नागर नंदजी ना लाल

रास रमंता म्हारी नथनी खोवाई.....