Last modified on 19 सितम्बर 2018, at 15:35

पद / 7 / श्रीजुगलप्रिया

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:35, 19 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीजुगलप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

नैन मोहन रूप छकेरी।
सेत स्याम रतनारे प्यारे ललित सलोने रँग रँगे री॥
बाँकी चितवनि चंचल तारे मनो कंज पै खंज अरे री।
‘जुगल प्रिया’ जाके उर भाये अधिक बावरे सोई भये री।