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"प्रार्थना / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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बच्चों के लिए चुग्गा जुटा कर
 
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सांझ समय वापिस पहुंच सकूं
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अपने घोंसले में
 
अपने घोंसले में
 
वे पंख देना मुझे ।
 
वे पंख देना मुझे ।
  
 
युगों से अंधकार में गुम
 
युगों से अंधकार में गुम
सुखों को शोध सकूं
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भावी पीढ़ियों के लिए
 
भावी पीढ़ियों के लिए
वह आंख देना मुझे
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वह आँख देना मुझे
  
 
अन्यथा ओ ईश्वर !
 
अन्यथा ओ ईश्वर !

09:06, 20 जुलाई 2010 का अवतरण

आकाश के अनंत छोर तक पहुँच
बच्चों के लिए चुग्गा जुटा कर
सांझ समय वापिस पहुँच सकूँ
अपने घोंसले में
वे पंख देना मुझे ।

युगों से अंधकार में गुम
सुखों को शोध सकूँ
भावी पीढ़ियों के लिए
वह आँख देना मुझे

अन्यथा ओ ईश्वर !
कृपा के नाम पर
कृपया
कोई कृपा मत करना मुझ पर

अनुवाद : मोहन आलोक