Last modified on 21 अक्टूबर 2016, at 04:23

फूलन सेजिया लगावल / धनी धरमदास

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:23, 21 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धनी धरमदास |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatAng...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

(सोहर)

फूलन सेजिया लगावल, पिया संग बैठलूँ हे।
सखिया! आबि गेल बैरन नींद, पिया उठि कहाँ गेलन हे॥1॥
बहियाँ पसारी पिया उर लाऊँ, पिया नहिं मिलल हे।
सखिया! रैन सोचत भेल भोर, धीरज कैसे बाँधब हे॥2॥
नैया भेल झाँझरि, जमुना में बढ़िया आयल हे।
सखिया! केकरी बोहरिया हम लागब, दिवस गँवायब हे॥3॥
अल्प वयस दुख भारी, बिरह उर सालेय हे।
सखिया! दिन दुर्दिन भेल, मोर पियवा बिछुड़ल हे॥4॥
जब-जब सुधि आबै पिया के, छतिया कड़क उठै हे।
सखिया! धर्मदास विश्वास, कबीर गुरु पावल हे॥5॥