सीढ़ीदार खेतों में उगे
मटमैले हाथ-पैर,
झुर्रियों से
झुलसते चेहरों मे चिपकी
पानीदार आँखें,
नदियों के साथ
ढुलकती बोतलों में
कैद होकर
मैदानों को बहती जवानी,
रख दो
एक के ऊपर एक
बन जाएगा पहाड़।