Last modified on 10 जुलाई 2017, at 13:48

बीमारी / मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी'

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:48, 10 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी' |अनुवाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

खाखै छोॅ छींकै छोॅ
ओछरभेॅ कहिया
चलै मेॅ थर्थराबोॅ
पछड़भेॅ कहिया?

लकवा छेकौं कि कोय सन्निपात
सुतलो राती लगावै छोॅ घात
सभ्भे दिना तेॅ लागै छै आग
आगिन हौ तोहें बुझभेॅ कहिया?

धंधा में कैन्हेॅ करोॅ खुराफात
दाव छेकों आखिरी कि छेकौं शुरुआत
ऐन्हों तों भेद बतैभेॅ कहिया?

डरोॅ जरा आदत सै पकड़ी नै कैंसर
बामन रङ् चलोॅ नै, लागौं नै सेंसर
देवता के रूप तोहें देभेॅ कहिया?

मांटी तेॅ एक्के लगावोॅ नी फूल
नजर जरा बदलो करोॅ नै भूल
हिरदा में फूल उगैभेॅ तों कहिया?