Changes

मेरा गाँव / सतीश छींपा

1,524 bytes added, 23:20, 13 जनवरी 2011
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]{{KKCatKavita‎}}<poem>होळै-होळैदिन ऊगने के साथ हीडांडी चालतो,जीवन दौड़ने लगता है यहाँरैवै टीबों के बीच से निकलती पगडण्डी परडांडी सूं अणजाणऊँट गाड़ा लेकिनारैनिकल पडते है किसान खेतों के लिएगाडे पर बंतल करती औरतेडोका चूसते बच्चेहँसी-किनारै चालैठिठोलीपण चुगली-चपटीगाना-गुनगुनानाचिंताएकळी का सुट्टाउड़ता धुंआखून के साथ बहता है बो अणजाणजीवनआ कोनी जाणै कैट्यूबेल पर टेर लगातेकठै टिब्बांहाळी की आँखों मेंजिनावर मिलसीबोरड़ी के भाटा मारते बच्चों की शरारत मेंकठै ढाणीलड़कियों के गुलाबी होंटो परकठै पाणी मिलसी ?फिसल जाता है जीवनहोळैगिनाणी में ठीकरी तिराते बच्चेसूदखोरों को जवाब देतेहिम्मती किसानआधी रातखेतों में छिपप्रेम करते जोड़ेहाळी का भाता लाती धिराणी की चाल मेंउलझ-होळैउलझ जाता है जीवनडांडी चालतोपंचायत के बजट में हेर-फेरसरपंच की हवेलीहवेली की छाँव में झोंपड़ीठण्ड़ा चूल्हापिचके पेटसिल्ला चुगते बच्चों के लीरमलीर कपड़ों मेंउड़-उड़ जाता है जीवननीम पर झूला-झूलती नवयोवनाएँशोषण के विरूद्ध लामबद्ध युवादुनिया जीतने का जज्बारखता है मेरा गाँवरैवै डांडी सूं अणजाण !
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,482
edits