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मेरे ड्राइंग रूम में / संजीव बख़्शी

मेरे ड्राइंग-रूम में
महीनों से
बिना नागा
आने वाली चिड़ियों को
मै
थोड़ा भी नहीं पहचानता
इतना भी नहीं
जितना
वे चिड़िया शायद
मुझे
पहचानती होंगी