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मेरे पक्ष में / अनिता भारती

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मेरे तुम्हारे बीच में
बीसियों तरह
के फासले हैं-------
उन फासलों को
मैंने बड़ी शिद्दत से
पार करने की कोशिश की
पर नहीं कर पायी
वह फासला हमारे तुम्हारे बीच
किसी गंदे नाले की तरह पसरा पड़ा है
जिसकी बदबू हमारे वजूद को
ढक लेती है

एक फासला
मेरे तुम्हारे बीच
तुम्हारे अधिक इंसान होने
और मेरे इंसान
न समझे जाने का है
जो एक खून भरी खाई की तरह
अटल खड़ा है
जिसमें तुम्हारी परछाईं
हरी घास पर चलते हुए
बाघ की तरह दिखती है
और मेरी एक मासूम छौने की तरह
जिसने अभी-अभी एकदम चलना सीखा है।

एक और फासला
मेरे तुम्हारे बीच
औरत और मर्द होने का है
जो हमारे बीच गहरे कुएँ की तरह
पसरा पड़ा है
जिसमें झाँकने में तुम्हारी शक्ल
किसी आदमखोर की तरह
दिखती है

आखिरी फासला
तुम्हारे हमारे बीच
जीने मरने की नींव पर
खड़ा है
तुम्हारे जीने की क्रूर लालसा
और हमारे मरने की मजबूरी के बीच
काँटे की टक्कर है

लेकिन यह भी तय है
मेरे अजीज दोस्त
कि इस फासले की जीत
अवश्य ही मेरे पक्ष में होगी