Last modified on 21 दिसम्बर 2012, at 22:54

मोही तो भरोसो है / शिवदीन राम जोशी

Kailash Pareek (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:54, 21 दिसम्बर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवदीन राम जोशी | }} {{KKCatPad}} <poem> मोहि ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मोहि तो भरोसो है, भरोसो हनुमान को |



आपनूं ही दास जानि, मेटो दुःख दर्द गम |
मोहि तो भरोसो है, भरोसो हनुमान को || मोहि ...
ज्ञान के निधान गुनी, गुनवान बिरबली |
किये काज रामजी के आपके सामान को || मोहि...
एक हांक मारके जलाई लंक रावन की |
कछु अभिमान नहीं काम ना गुमान को || मोहि...
पूजत सकल जग देव सनमान करें |
ऐसो बलवान नाम रटू गुणवान को || मोहि...
दीनन के दुःख हरे संतन के काज करे |
कहूँ से ना डरे आप जानत जहान को || मोहि...
पायक हो रामजी के लायक हो बालासाब |
अंजनी के लाल हो सपूत सत्य ध्यान को || मोहि ...
जय-जय हनुमंत पंथ सारे ही सुपंथ |
आप सिवा कौन और जान पहचान को || मोहि...