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रक्त वर्ण, रक्तबर राजत / हनुमानप्रसाद पोद्दार

(राग भैरवी-ताल त्रिताल)

रक्त वर्ण, रक्तबर राजत, रय कण्ठ मुक्त-मणि हार।
 अङङ्कुश-पाश-बाण-धनु शोभित चारु भुजा भूषणयुत चार॥
 हेम मुकुट रत्नावलि मण्डित, तिलक भाल मारण मद मार।
 कुञ्ण्डल कर्ण, कमल-दल-लोचन ललिताबा जय जय सुखसार॥