Last modified on 10 नवम्बर 2007, at 20:59

रमजनिया का दुखड़ा / भोजपुरी

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:59, 10 नवम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{ KKLokRachna |रचनाकार }} रोई-रोई कहतिया बुढ़िया रमजनिया,<br> का कहीं ए बाबा आप...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

रोई-रोई कहतिया बुढ़िया रमजनिया,
का कहीं ए बाबा आपन दुख के कहनियाँ।
जेठवा बेटउआ के कइनी सगाई,
अइसन बिआ मिलल दुलहिनिया भेटाइल,
खटिया पर पानी ध के माँगे ले भोजनिया। का कहीं...
कबो उहो घरवा में झाड़ू ना लगावे,
दिनभर भतरा के मुँहवे निहारे,
भतरे के किरिया खाले मोर दुलहिनिया। का कहीं...