भुजंगप्रयात
(परिपूर्ण ऋतुराज का प्रकाश रूप से वर्णन)
रमैं पच्छिनी सौं सबै पच्छ जोरैं । बिहंगावली आपनौं भाव भोरैं ॥
जयंती-जपा जाति के बृच्छ नाना । धरैं हैं चहूँ कोद सौं मोद-बाना ॥१८॥
भुजंगप्रयात
(परिपूर्ण ऋतुराज का प्रकाश रूप से वर्णन)
रमैं पच्छिनी सौं सबै पच्छ जोरैं । बिहंगावली आपनौं भाव भोरैं ॥
जयंती-जपा जाति के बृच्छ नाना । धरैं हैं चहूँ कोद सौं मोद-बाना ॥१८॥