Last modified on 27 जनवरी 2015, at 20:10

लये धनुष बन्ना ठाड़े री / बुन्देली

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:10, 27 जनवरी 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=बुन्देल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

लये धनुष बन्ना ठांड़े री,
कोई जोड़ी तो मिलाय लो।
माथे मोहर बांधो राजा बनरे,
कलगी संवारे सिया जानकी
कोई जोड़ी तो मिलाय लो। लयें...
नैनन सुरमा आंजो राजा बनरे,
भौंहें संवारे सिया जानकी
कोई जोड़ी तो मिलाय लो। लयें...
मुख भर बिरियां चावो राजा बनरे
लाली संवारे सिया जानकी
कोई जोड़ी तो मिलाय लो। लयें...
अंगे जामा पेरों राजा बनरे,
पनरस संवारे सिया जानकी
कोई जोड़ी तो मिलाय लो। लयें...
पांवो जूता पेरों राजा बनरे,
मौजा संवारे सिया जानकी
कोई जोड़ी तो मिलाय लो। लयें...