इश्क़ को तब मलाल होता है।
आता है जो पसीने के बल पर,
इक-इक पैसा हलाल होता है।
इश्क़ होता है जब भी दुनिया में,
पहले बेहद बवाल होता है।
जो मिला है हमें जमाने से,
उसपे क्यों कर जबाल होता है।
अब ज़रा खुल के तो ‘मृदुल’ कहती,
हाथ का क्यों कमाल होता है।