Changes

}}
<poem>
बम भोला चले कैलास बुंदियाँ परन लगीं
शिवशंकर चले कैलास बुंदियाँ परन लगीं
गौरा ने बोइ दई हरी हरी मेंहदी
बम भोला ने बोइ दई भाँग
बुंदियाँ परन लगीं
 
गौरा ने पीसि लई हरी हरी मेंहदी
शिवशंकर ने घोटि लई भाँग
बुंदियाँ परन लगीं
 
गौरा की रचि गई हरी हरी मेंहदी
बम भोला कों चढ़ि गई भाँग
बुंदियाँ परन लगीं
</poem>